आज रोज़ डे है,
🌹दो ग़ुलाब मेरे पास भी हैं🌹
पहला पिता के लिये
जो खुद जले कड़ी धूप में
और मुझे छांव दी,
🌹
दूसरा माँ के लिये
जिसनें मेरे लिये कई बार अपनीं
उगलिंयां इस फिक्र में ज़लाईं क़ि
कहीं रोटिंयां ना जल जांयें
आज रोज़ डे है,
🌹दो ग़ुलाब मेरे पास भी हैं🌹
पहला पिता के लिये
जो खुद जले कड़ी धूप में
और मुझे छांव दी,
🌹
दूसरा माँ के लिये
जिसनें मेरे लिये कई बार अपनीं
उगलिंयां इस फिक्र में ज़लाईं क़ि
कहीं रोटिंयां ना जल जांयें
