ADMIN 01:37:49 PM 02 Feb, 2017

संता- बंता, मैं जो कविता अब सुनाने जा रहा हूं

उसका शीर्षक है 'आग, पानी और धुआँ।'

बंता- तो एक शब्द में क्यों नहीं बोलता कि हुक्का है।

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