ADMIN 02:27:58 PM 01 Mar, 2017

होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का;

शायद नज़रों से वो बात हो जाए;

इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का;

कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए!

Related to this Post: