इश्क़ के ख्वाब के सीसे चटक कर रह गये
हम इश्क़ से मिला हर गम,मुस्कुराकर सह गये
अपने उनकी बातों का जवाब फिर भी न दिया
वो इश्क़ में जितने भी इल्जाम सरेआम कह गये
इश्क़ के ख्वाब के सीसे चटक कर रह गये
हम इश्क़ से मिला हर गम,मुस्कुराकर सह गये
अपने उनकी बातों का जवाब फिर भी न दिया
वो इश्क़ में जितने भी इल्जाम सरेआम कह गये
