ADMIN 03:17:50 PM 11 Mar, 2016

"दर्द की दास्ताँ अभी बाकी है,
महोब्बत का इम्तेहान अभी बाकी है ,
दिल करे तो फिर से वफ़ा करने आ जाना,
दिल ही तो टुटा है ,
जान अभी बाकी है "

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