"लौहा" नरम होकर "औजार" बन जाता है
"सोना" नरम होकर "जेवर" बन जाता है ! "मिट्टी" नरम होकर खेत बन जाती है,
आटा "नरम" होता है तो "रोटी" बन जाती है !
ठीक इसी तरह अगर "इंसान" भी "नरम" हो जाये तो..
"लोगो" की "दिलों" मे अपनी जगह बना लेता है !
सदैव बेहतर की उम्मीद करे !
😄"खुश रहिये मुस्कुराते रहिये !!
