ADMIN 04:03:42 AM 11 Jun, 2016

वाह रे पैसा! तेरे कितने नाम?

मंदिर मे दिया जाये तो ( चढ़ावा )

स्कुल में ( फ़ीस )

शादी में दो तो ( दहेज )

तलाक देने पर ( गुजारा भत्ता )

आप किसी को देते हो तो ( कर्ज )

अदालत में ( जुर्माना )

सरकार लेती है तो ( कर )

सेवानिवृत्त होने पे ( पेंशन )

अपहर्ताओ के लिएं ( फिरौती )

होटल में सेवा के लिए ( टिप )

बैंक से उधार लो तो ( ऋण )

श्रमिकों के लिए ( वेतन )

मातहत कर्मियों के लिए ( मजदूरी )

अवैध रूप से प्राप्त सेवा ( रिश्वत )

और मुझे दोगे तो (गिफ्ट)


मैं पैसा हूँ:!

मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।

मैं पैसा हूँ:!

मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।

मैं पैसा हूँ:!
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।

मैं पैसा हूँ:!

मैं नमक की तरह हूँ; जो जरुरी तो है मगर जरुरतसे ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।

मैं पैसा हूँ:!

इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिरभी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।

मैं पैसा हूँ:!

मैं कुछ भी नहीं हूँ;
मगर मैं निर्धारित करता हूँ;
कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।

मैं पैसा हूँ:!

मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ:!
आपके पास नहीं हूँ तो; आपका नहीं हूँ:!
मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।

मैं पैसा हूँ:!

मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।

मैं पैसा हूँ:!

मैं सारे फसाद की जड़ हूँ;
मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं:?।

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