ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो!
मंजिल को पाने की कसक रहने दो!

आप चाहे रहो नज़रों से दूर!
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो!

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