मिट्टी की खुश्बू सी होती हैं बेटियां,
घर की राज़दार होती हैं बेटियां,
बचपन हैं बेटियां, जवानी हैं बेटियां,
सत्यम शिवम् सुंदरम सी होती हैं बेटियां,
फिर क्यों जला देते हैं ससुराल में बेटियां,
फिर क्यों न बांटे खुशियां जब होती हैं बेटियां,
एक नहीं दो वंश चलाती हैं बेटियां,
फिर गर्भ में क्यों मार दी जाती हैं बेटियां
