ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

होके मायूस ना यूँ शाम की तरह ढलते रहिये
जिदंगी एक भोर है
सूरज की तरह निकलते रहिये
ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे
धीरे धीरे ही सही मगर राह पर चलते रहिये
🌺🌺सुप्रभात🌺🌺
🙏🏻 आपका दिन शुभ हो🙏🏻

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