ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

#रामायण में एक पात्र था “बाली” 

 बाली के सामने जो भी जाता है
उसका आधा बल बाली में चला जाता है 

मुझे तुरंत याद आया की ऐसा तो
बिलकुल मेरे साथ भी होता है 

क्योंकि जैसे ही घरवाली के सामने जाता हूँ 

वैसे ही काफी कमजोरी सी लगने लगती है
और चक्कर भी आने लगते हैं 

ऐसा लगता कि “बाली” कहीं न कहीं इस युग में 
“घर-बाली” के रूप में अवतरित हो गये हैं
😩😩

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