ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

साहिल पर खड़े-खड़े हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,

ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।

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