ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

【 एल.एल.बी. की पढ़ाई 】

प्रोफेसर : "अगर तुम्हें किसी को संतरा देना हो, तो क्या बोलोगे...?

छात्र : "ये संतरा लो...।

प्रोफेसर : नहीं...

एक वकील की तरह बोलो...।

छात्र : मैं हेतराम पुत्र चेतराम निवासी गाँव शिकारपुर, यू०पी० एतद् द्वारा,

अपनी पूरी रुचि व होशो-हवास में और बिना किसी के डर एवंम दबाव में
आए

इस फल, जो कि संतरा कहलाता है,

और जिस पर मैं पूरा मालिकाना हक़ रखता हूँ,

को उसके छिलके, रस, गूदे और बीज सहित आपको देता हूँ

और इसके साथ ही आपको इस बात सम्पूर्ण व बिना शर्त अधिकार भी देता हूँ कि

आप इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र हैं...।

आप यह अधिकार भी रखेंगे कि

आप किसी भी अन्य व्यक्ति को यह फल

इसके छिलके, रस, गूदे और बीज के बिना या उसके साथ दे सकते
हैं..।

मैं घोषणा करता हूं कि

आज से पहले इस संतरे से संबंधित किसी भी प्रकार के वाद विवाद, झगड़े की समस्त जिम्मेदारी मेरी है

और आज के बाद मेरा किसी भी प्रकार से इस संतरे से कोई सम्बन्ध नहीं रह जाएगा...।

प्रोफेसर : प्रभु आपके चरण कहाँ हैं...?

😄

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