चमन में फूल , हाथों में गुलदान रहने दो
मंदिर का भजन , मस्जिद में अजान रहने दो
जवानो को वतन में ही क्यू शहीद करते हो
कुछ तो इस मिटटी की भी पहचान रहने दो
दो ही क़ौम हे जिसकी बात दुनिया करती है
अरे! अब तो ये हिन्दू , ये मुसलमान रहने दो
रंगो में बाँट बाँट कर बे रंग सा कर दिया है
बना दो तिरंगा और पुराना हिंदुस्तान रहने दो...।
