Afsar 12:00:00 AM 05 Jun, 2017

फूल की पत्तियां बनकर मेरे चारो तरफ बिखर गई,
उसकी यादों की खुश्बू से ये हवाऐं भी निखर गई,

ना रास्ता मुझे कोई दिखाई दे ना मैं ही देखना चाहूँ,
तन्हा कर के यूं मुझे मेरी मंजिलें जाने किधर गई

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