कैसी कशमकश है ये
तेरी यादों के साए में झिलमिलाती है मेरी रातें
मुस्कुराती है ये मेरी सुबहे और मेरी शामें
#काश कुछ असर हो मेरी दुआओं में
कि वो वापिस लौट कर आ जाएं मेरी दुनिया में।।
कैसी कशमकश है ये
तेरी यादों के साए में झिलमिलाती है मेरी रातें
मुस्कुराती है ये मेरी सुबहे और मेरी शामें
#काश कुछ असर हो मेरी दुआओं में
कि वो वापिस लौट कर आ जाएं मेरी दुनिया में।।