जुल्फ़ों को हटा ले अपने रूखसार से
देख इन्हें चांद भी शर्म से बादलों में छिप रहा
यूँ ना छिड़क जुल्फों से शबनमी बुंँदे
तुझपें बादल भी रसक कर रहा
जुल्फ़ों को हटा ले अपने रूखसार से
देख इन्हें चांद भी शर्म से बादलों में छिप रहा
यूँ ना छिड़क जुल्फों से शबनमी बुंँदे
तुझपें बादल भी रसक कर रहा