मिल जायेगा हमें भी कोई टूट कर चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता
जब बी देखता वो अपने हाथों को
उसे हमारा ख़याल तो आया होता
प्यार वो हम को बेपनाह कर गये फिर
ज़िनदगीं में हम को तन्नहा कर गये
चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की
पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये
बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते हैं
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं
ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर
जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं
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