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arman
12:00:00 AM 12 Jun, 2017
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।
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#27415 Afsar
12:00:00 AM 12 Jun, 2017
अधूरी हसरतों का आज भी इल्ज़ाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।
#33808 arman
12:00:00 AM 15 Jul, 2017
अधूरी हसरतों का आज भी इल्ज़ाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।
#33912 arman
12:00:00 AM 15 Jul, 2017
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।