TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 13 Feb, 2017

ऐसा संस्कारिक कलयुग आ गया है आजकल की

लड़की की विदाई के वक़्त माँ बाप से ज्यादा तो मोहल्ले के छोरे रो देते हैं।

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