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Afsar
12:00:00 AM 13 Jun, 2017
मोहब्बत कितनी भी सच्ची क्यों ना हो,
एक ना एक दिन तो आंसू और दर्द ज़रूर देती है
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Related to this Post:
#1485 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
मुस्कुरा जाता हूँ, अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुन कर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है, तो सोच तुझसे कितनी होगी..❤
#11095 TIPU
12:00:00 AM 18 Feb, 2017
""मैं चाहूँ तो भी शायद ना लिख पाऊँ उन लफ्ज़ों को,
जिन्हे पढ़कर तुम जान जाओ मुझे कितनी मोहब्बत है तुमसे"
#11763 TIPU
12:00:00 AM 18 Feb, 2017
मैं😎 चाहूँ तो भी शायद ना लिख ✍पाऊँ 📝ऎसा कुछ .
जिसे पढ़कर 📖 वो जान जाए ✔मुझे कितनी👉मोहब्बत 💞 है उससे👫
#17915 Happy
12:00:00 AM 27 Mar, 2017
माँ
माँ की ममता, फूलों जैसी, माँ की छवि महान,
माँ की सूरत में दिखता है धरती पर भगवान ।
माँ
माँ के बिना दुनिया की हर चीज़ कोरी है,
दुनिया का सबसे सुंदर संगीत माँ की लोरी है ।
माँ
माँ तू कितनी अच्छी है, मेरा सब कुछ करती है,
भूख मुझे जब लगती है, खाना मुझे खिलाती है,
जब मैं गन्दा होता हूँ, रोज मुझे नहलाती है,
जब मैं रोने लगता हूँ, चुप तू मुझे कराती ही,
माँ मेरे मित्रों में सबसे पहले तू ही आती है ।
माँ
हमारा जन्मदिन,, हमारी ज़िन्दगी का वी एकमात्र दिन,
जब हमारी माँ हमारे रोने पर मुस्कराई होगी ।
माँ
प्यार करना उसका उसूल है,
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है,
माँ की हर दुआ कबूल है,
माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है ।
माँ
“माँ कैसी हो ” इतना ही पूछ,
उसे मिल गया सब कुछ ।
माँ
मेरी तकदीर में एक भी गम ना होता,
अगर तकदीर लिखने का हक मेरी माँ का होता ।
माँ
जब जब कागज पर लिखा मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम ।
#22795 Aman
12:00:00 AM 24 May, 2017
मुस्कुरा 😊 जाता हूँ अक्सर गुस्से 😠 में भी तेरा नाम 👩 सुन कर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत 💞 है तो सोच तुझसे 👸 कितनी होगी. 😒
#23135 Aman
12:00:00 AM 30 May, 2017
मुस्कुरा 😊 जाता हूँ अक्सर गुस्से 😠 में भी तेरा नाम 👩 सुन कर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत 💞 है तो सोच तुझसे 👸 कितनी होगी. 😒
#28965 Rakesh
12:00:00 AM 15 Jun, 2017
आईने में भी खुद को झांक कर देखा;
खुद को भी हमने तनहा करके देखा;
पता चल गया हमें कितनी मोहब्बत है आपसे;
जब तेरी याद को दिल से जुदा करके देखा।
#29371 Afsar
12:00:00 AM 15 Jun, 2017
अब मगर कुछ भी नहीं, कुछ भी नहीं हो सकता;
अपने जज़्बों से यह रंगीन शरारत न करो;
कितनी मासूम हो, नाज़ुक हो, हमाक़त न करो;
बार बार हाँ तुम से कहा था कि मोहब्बत न करो।
#31456 Rakesh
12:00:00 AM 18 Jun, 2017
तुमको पाने की तमन्ना नहीं
फिर भी खोने का डर है,
कितनी शिद्दत से देखो
मैनें तुमसे मोहब्बत की है।