Afsar 12:00:00 AM 13 Jun, 2017

तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना;
अगर वो ख़ुश है मुझे बे-क़रार करते हुए;

तुम्हें ख़बर ही नहीं है कि कोई टूट गया;
मोहब्बतों को बहुत पाएदार करते हुए;

मैं मुस्कुराता हुआ आईने में उभरूँगा;
वो रो पड़ेगी अचानक सिंघार करते हुए;

मुझे ख़बर थी कि अब लौट कर न आऊँगा;
सो तुझ को याद किया दिल पे वार करते हुए;

ये कह रही थी समुंदर नहीं ये आँखें हैं;
मैं इन में डूब गया ए'तिबार करते हुए;

भँवर जो मुझ में पड़े हैं वो मैं ही जानता हूँ;
तुम्हारे हिज्र के दरिया को पार करते हुए।

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