जब भी तेरी यादों को आसपास पाता हूँ;
खुद को हद दर्ज़े तक उदास पाता हूँ;
तुझे तो मिल गई खुशियाँ ज़माने भर की;
मै अब भी दिल में वही प्यास पाता हूँ।
जब भी तेरी यादों को आसपास पाता हूँ;
खुद को हद दर्ज़े तक उदास पाता हूँ;
तुझे तो मिल गई खुशियाँ ज़माने भर की;
मै अब भी दिल में वही प्यास पाता हूँ।
