वो कभी मिल जाएं तो क्या कीजिये;
रात दिन सूरत को देखा कीजिये;
चाँदनी रातों में एक एक फूल को;
बेखुदी कहती है सज़दा कीजिये।
वो कभी मिल जाएं तो क्या कीजिये;
रात दिन सूरत को देखा कीजिये;
चाँदनी रातों में एक एक फूल को;
बेखुदी कहती है सज़दा कीजिये।
