जिंदगी के रथ में लगाम बहुत है
अपनों के अपनों पर इलज़ाम बहुत है,
ये शिकायतों का दौर देखती हूँ तो थम सी जाती हूँ।
लगता है उम्र कम और इम्तिहान बहुत है।
जिंदगी के रथ में लगाम बहुत है
अपनों के अपनों पर इलज़ाम बहुत है,
ये शिकायतों का दौर देखती हूँ तो थम सी जाती हूँ।
लगता है उम्र कम और इम्तिहान बहुत है।