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Reena
12:00:00 AM 14 Aug, 2018
चुपचाप बैठे है आज सपने मेरे
लगता है फिर से
हक़ीक़त ने सबक सिखाया है
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Related to this Post:
#2235 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
बीवी office से थोड़ा जल्दी घर पहुँची तो
चुपचाप bedroom का दरवाजा खोला तो
देखा कि कम्बल में 2 की बजाए 4 टाँगे नजर आ रही थी
उसने आव देखा ना ताव, एक क्रिकेट का bat ऊठाया और
ज़ोर-ज़ोर से मारना शुरू कर दिया।
जब मार-मार के थक गयी तो पानी पीने kitchen में गयी ...
और देखा कि उसका पति बाहर balcony में बैठे
magazine पढ़ रहा है।
पति बोला : तुम्हारे मम्मी-पापा आये हैं
और मैंने उनको bedroom में सुलाया है।
जा के मिल लो ....
------------------------
Moral: और करो शक.
😀😀😀😀😀😀😀😀
#4929 ADMIN
12:00:00 AM 11 Feb, 2017
बीवी office से थोड़ा जल्दी घर पहुँची तो चुपचाप
bedroom का दरवाजा खोला तो देखा कि कम्बल में 2 की बजाए 4 टाँगे नजर आ रही थी।…
उसने आव देखा ना ताव,
एक क्रिकेट का bat ऊठाया और ज़ोर-ज़ोर से मारना शुरू कर दिया।
जब मार-मार के थक गयी तो पानी पीने kitchen में गयी ……
और देखा कि उसका पति बाहर balcony में बैठे magazine पढ़ रहा है।
पति बोला : तुम्हारे मम्मी-पापा आये हैं और मैंने उनको bedroom में सुलाया है।
जा के मिल लो ….
moral: और करो शक. 😀
#5308 Kishan Exp
12:00:00 AM 11 Feb, 2017
एक गुरु और चेला समंदर के किनारे टहल रहे थे।
वहाँ उन्होंने एक बोर्ड देखा जिस पर लिखा था -
"डूबते हुए को बचाने वाले को 500 रुपये का इनाम दिया जाएगा।"
बोर्ड पढ़ते ही गुरु को एक आईडिया सूझा। उसने चेले से कहा,
"मैं समंदर में कूद जाता हूँ और मदद के लिए चिल्लाता हूँ...
तुम मुझे बचा लेना।
जो 500 रुपये मिलेंगे उसमें से 100 तुझे दूंगा, ठीक है?"
चेला: केवल 100? 50% करिये ना?
गुरु: 100 रुपये से एक पैसा ज्यादा नहीं दूंगा।
आईडिया मेरा है कि तेरा? चुपचाप जैसा मैं कहता हूँ वैसा कर।
और गुरू समंदर में कूद कर मदद के लिए चिल्लाने लगा।
चेला आराम से बैठकर देखता रहा।
उसे यूँ बैठे देखकर गुरू बोला,
"अबे अब आता क्यों नहीं मुझे बचाने? मुझे सचमुच तैरना नहीं आता।"
चेला: गुरू जी आपने बोर्ड ध्यान से नहीं पढ़ा। नीचे लिखा है -
"लाश निकालने वाले को 5000 रुपये का इनाम दिया जाएगा।"
#8204 Aman
12:00:00 AM 15 Feb, 2017
बीवी office से थोड़ा जल्दी घर पहुँची तो चुपचाप
bedroom का दरवाजा खोला तो देखा कि कम्बल
में 2 की बजाए 4 टाँगे नजर आ रही थी। उसने आव
देखा ना ताव, एक क्रिकेट का bat ऊठाया और
ज़ोर-ज़ोर से मारना शुरू कर दिया। जब मार-मार
के थक गयी तो पानी पीने kitchen में गयी ...... और
देखा कि उसका पति बाहर balcony में बैठे magazine
पढ़ रहा है।पति बोला : तुम्हारे मम्मी-पापा आये
हैं और मैंने उनको bedroom में सुलाया है। जा के मिल
लो ....
#13043 Kishan Exp
12:00:00 AM 22 Feb, 2017
एक आदमी ट्रेन में बडी देर से राहुल गांधी के गुण गा रहा था।
सामने बैठे यात्री ने कह दिया, "भगवान करे आपको राहुल जैसा बेटा मिले।"
बस तब से वो चुपचाप बैठा है।
#17739 Happy
12:00:00 AM 24 Mar, 2017
एक पति-पत्नी में तकरार हो गयी —पति कह रहा था :
“मैं नवाब हूँ इस शहर का लोग इसलिए मेरी इज्जत करते है और तुम्हारी इज्जत मेरी वजह से है।”
पत्नी कह रही थी : “आपकी इज्जत मेरी वजह से है। मैं चाहूँ तो आपकी इज्जत एक मिनट में बिगाड़ भी सकती हूँ और बना भी सकती हूँ।”
नवाब को तैश आ गया।
नवाब बोला :” ठीक है दिखाओ मेरी इज्जत खराब करके।”
बात आई गई हो गयी। नवाब के घर शाम को महफ़िल जमी थो दोस्तों की … हंसी मजाक हो रहा था कि अचानक नवाब को अपने बेटे के रोने की आवाज आई । वो जोर जोर से रो रहा था और नवाब की पत्नी बुरी तरह उसे डांट रही थी। नवाब ने जोर से आवाज देकर पूछा कि क्या हुआ बेगम क्यों डाँट रही हो?
तो बेगम ने अंदर से कहा कि देखिये न—आपका बेटा खिचड़ी मांग रहा है और जब भर पेट खा चुका है।
नवाब ने कहा कि दे दो थोड़ी सी और बेगम ने कहा घर में और भी तो लोग है सारी इसी को कैसे दे दूँ?
पूरी महफ़िल शांत हो गयी । लोग कानाफूसी करने लगे कि कैसा नवाब है ? जरा सी खिचड़ी के लिए इसके घर में झगड़ा होता है।
नवाब की पगड़ी उछल गई। सभी लोग चुपचाप उठ कर चले गए घर में अशांति हो रही है देख कर।
नवाब उठ कर अपनी बेगम के पास आया और बोला कि मैं मान गया तुमने आज मेरी इज्जत तो उतार दी लोग भी कैसी-कैसी बातें कर रहे थे। अब तुम यही इज्जत वापस लाकर दिखाओ।
बेगम बोली :”इसमे कौन सी बड़ी बात है आज जो लोग महफ़िल में थे उन्हें आप फिर किसी बहाने से निमंत्रण दीजिये।”
ऐसे ही नवाब ने सबको बुलाया बैठक और मौज मस्ती के बहाने।सभी मित्रगण बैठे थे । हंसी मजाक चल रहा था कि फिर वही नवाब के बेटे की रोने की आवाज आई —नवाब ने आवाज देकर पूछा :
बेगम क्या हुआ क्यों रो रहा है हमारा बेटा ?” बेगम ने कहा फिर वही खिचड़ी खाने की जिद्द कर रहा है ।” लोग फिर एक दूसरे का मुंह देखने लगे कि यार एक मामूली खिचड़ी के लिए इस नवाब के घर पर रोज झगड़ा होता है।
नवाब मुस्कुराते हुए बोला “अच्छा बेगम तुम एक काम करो तुम खिचड़ी यहाँ लेकर आओ .. हम खुद अपने हाथों से अपने बेटे को देंगे । वो मान जाएगा और सभी मेहमानो को भी खिचड़ी खिलाओ। ”
बेगम ने आवाज दी ” जी नवाब साहब”
बेगम बैठक खाने में आ गई पीछे नौकर खाने का सामान सर पर रख आ रहा था। हंडिया नीचे रखी और मेहमानो को भी देना शुरू किया अपने बेटे के साथ।
सारे नवाब के दोस्त हैरान -जो परोसा जा रहा था वो चावल की खिचड़ी तो कत्तई नहीं थी। उसमे खजूर-पिस्ता-काजू बादाम-किशमिश -गरी इत्यादि से मिला कर बनाया हुआ सुस्वादिष्ट व्यंजन था। अब लोग मन ही मन सोच रहे थे कि ये खिचड़ी है? नवाब के घर इसे खिचड़ी बोलते हैं तो -मावा-मिठाई किसे बोलते होंगे ?
नवाब की इज्जत को चार-चाँद लग गए । लोग नवाब की रईसी की बातें करने लगे।
नवाब ने बेगम के सामने हाथ जोड़े और कहा “मान गया मैं कि घर की औरत इज्जत बना भी सकती है बिगाड़ भी सकती है—और जिस व्यक्ति को घर में इज्जत हासिल नहीं उसे दुनियाँ मे कहीं इज्जत नहीं मिलती।”
#17740 Happy
12:00:00 AM 24 Mar, 2017
एक पति-पत्नी में तकरार हो गयी —पति कह रहा था :
“मैं नवाब हूँ इस शहर का लोग इसलिए मेरी इज्जत करते है और तुम्हारी इज्जत मेरी वजह से है।”
पत्नी कह रही थी : “आपकी इज्जत मेरी वजह से है। मैं चाहूँ तो आपकी इज्जत एक मिनट में बिगाड़ भी सकती हूँ और बना भी सकती हूँ।”
नवाब को तैश आ गया।
नवाब बोला :” ठीक है दिखाओ मेरी इज्जत खराब करके।”
बात आई गई हो गयी। नवाब के घर शाम को महफ़िल जमी थो दोस्तों की … हंसी मजाक हो रहा था कि अचानक नवाब को अपने बेटे के रोने की आवाज आई । वो जोर जोर से रो रहा था और नवाब की पत्नी बुरी तरह उसे डांट रही थी। नवाब ने जोर से आवाज देकर पूछा कि क्या हुआ बेगम क्यों डाँट रही हो?
तो बेगम ने अंदर से कहा कि देखिये न—आपका बेटा खिचड़ी मांग रहा है और जब भर पेट खा चुका है।
नवाब ने कहा कि दे दो थोड़ी सी और बेगम ने कहा घर में और भी तो लोग है सारी इसी को कैसे दे दूँ?
पूरी महफ़िल शांत हो गयी । लोग कानाफूसी करने लगे कि कैसा नवाब है ? जरा सी खिचड़ी के लिए इसके घर में झगड़ा होता है।
नवाब की पगड़ी उछल गई। सभी लोग चुपचाप उठ कर चले गए घर में अशांति हो रही है देख कर।
नवाब उठ कर अपनी बेगम के पास आया और बोला कि मैं मान गया तुमने आज मेरी इज्जत तो उतार दी लोग भी कैसी-कैसी बातें कर रहे थे। अब तुम यही इज्जत वापस लाकर दिखाओ।
बेगम बोली :”इसमे कौन सी बड़ी बात है आज जो लोग महफ़िल में थे उन्हें आप फिर किसी बहाने से निमंत्रण दीजिये।”
ऐसे ही नवाब ने सबको बुलाया बैठक और मौज मस्ती के बहाने।सभी मित्रगण बैठे थे । हंसी मजाक चल रहा था कि फिर वही नवाब के बेटे की रोने की आवाज आई —नवाब ने आवाज देकर पूछा :
बेगम क्या हुआ क्यों रो रहा है हमारा बेटा ?” बेगम ने कहा फिर वही खिचड़ी खाने की जिद्द कर रहा है ।” लोग फिर एक दूसरे का मुंह देखने लगे कि यार एक मामूली खिचड़ी के लिए इस नवाब के घर पर रोज झगड़ा होता है।
नवाब मुस्कुराते हुए बोला “अच्छा बेगम तुम एक काम करो तुम खिचड़ी यहाँ लेकर आओ .. हम खुद अपने हाथों से अपने बेटे को देंगे । वो मान जाएगा और सभी मेहमानो को भी खिचड़ी खिलाओ। ”
बेगम ने आवाज दी ” जी नवाब साहब”
बेगम बैठक खाने में आ गई पीछे नौकर खाने का सामान सर पर रख आ रहा था। हंडिया नीचे रखी और मेहमानो को भी देना शुरू किया अपने बेटे के साथ।
सारे नवाब के दोस्त हैरान -जो परोसा जा रहा था वो चावल की खिचड़ी तो कत्तई नहीं थी। उसमे खजूर-पिस्ता-काजू बादाम-किशमिश -गरी इत्यादि से मिला कर बनाया हुआ सुस्वादिष्ट व्यंजन था। अब लोग मन ही मन सोच रहे थे कि ये खिचड़ी है? नवाब के घर इसे खिचड़ी बोलते हैं तो -मावा-मिठाई किसे बोलते होंगे ?
नवाब की इज्जत को चार-चाँद लग गए । लोग नवाब की रईसी की बातें करने लगे।
नवाब ने बेगम के सामने हाथ जोड़े और कहा “मान गया मैं कि घर की औरत इज्जत बना भी सकती है बिगाड़ भी सकती है—और जिस व्यक्ति को घर में इज्जत हासिल नहीं उसे दुनियाँ मे कहीं इज्जत नहीं मिलती।”
#18340 Happy
12:00:00 AM 29 Mar, 2017
बीवी office से थोड़ा जल्दी घर पहुँची तो चुपचाप bedroom का दरवाजा खोला तो देखा कि कम्बल में 2 की बजाए 4 टाँगे नजर आ रही थी।…
उसने आव देखा ना ताव,
एक क्रिकेट का bat ऊठाया और ज़ोर-ज़ोर से मारना शुरू कर दिया।
जब मार-मार के थक गयी तो पानी पीने kitchen में गयी ……
और देखा कि उसका पति बाहर balcony में बैठे magazine पढ़ रहा है।
पति बोला : तुम्हारे मम्मी-पापा आये हैं और मैंने उनको bedroom में सुलाया है।
जा के मिल लो ….
Moral: और करो शक.
#19110 Ramking
12:00:00 AM 19 Apr, 2017
एक पति-पत्नी में तकरार हो गयी —पति कह रहा था :
“मैं नवाब हूँ इस शहर का लोग इसलिए मेरी इज्जत करते है और तुम्हारी इज्जत मेरी वजह से है।”
पत्नी कह रही थी : “आपकी इज्जत मेरी वजह से है। मैं चाहूँ तो आपकी इज्जत एक मिनट में बिगाड़ भी सकती हूँ और बना भी सकती हूँ।”
नवाब को तैश आ गया।
नवाब बोला :” ठीक है दिखाओ मेरी इज्जत खराब करके।”
बात आई गई हो गयी। नवाब के घर शाम को महफ़िल जमी थो दोस्तों की … हंसी मजाक हो रहा था कि अचानक नवाब को अपने बेटे के रोने की आवाज आई । वो जोर जोर से रो रहा था और नवाब की पत्नी बुरी तरह उसे डांट रही थी। नवाब ने जोर से आवाज देकर पूछा कि क्या हुआ बेगम क्यों डाँट रही हो?
तो बेगम ने अंदर से कहा कि देखिये न—आपका बेटा खिचड़ी मांग रहा है और जब भर पेट खा चुका है।
नवाब ने कहा कि दे दो थोड़ी सी और बेगम ने कहा घर में और भी तो लोग है सारी इसी को कैसे दे दूँ?
पूरी महफ़िल शांत हो गयी । लोग कानाफूसी करने लगे कि कैसा नवाब है ? जरा सी खिचड़ी के लिए इसके घर में झगड़ा होता है।
नवाब की पगड़ी उछल गई। सभी लोग चुपचाप उठ कर चले गए घर में अशांति हो रही है देख कर।
नवाब उठ कर अपनी बेगम के पास आया और बोला कि मैं मान गया तुमने आज मेरी इज्जत तो उतार दी लोग भी कैसी-कैसी बातें कर रहे थे। अब तुम यही इज्जत वापस लाकर दिखाओ।
बेगम बोली :”इसमे कौन सी बड़ी बात है आज जो लोग महफ़िल में थे उन्हें आप फिर किसी बहाने से निमंत्रण दीजिये।”
ऐसे ही नवाब ने सबको बुलाया बैठक और मौज मस्ती के बहाने।सभी मित्रगण बैठे थे । हंसी मजाक चल रहा था कि फिर वही नवाब के बेटे की रोने की आवाज आई —नवाब ने आवाज देकर पूछा :
बेगम क्या हुआ क्यों रो रहा है हमारा बेटा ?” बेगम ने कहा फिर वही खिचड़ी खाने की जिद्द कर रहा है ।” लोग फिर एक दूसरे का मुंह देखने लगे कि यार एक मामूली खिचड़ी के लिए इस नवाब के घर पर रोज झगड़ा होता है।
नवाब मुस्कुराते हुए बोला “अच्छा बेगम तुम एक काम करो तुम खिचड़ी यहाँ लेकर आओ .. हम खुद अपने हाथों से अपने बेटे को देंगे । वो मान जाएगा और सभी मेहमानो को भी खिचड़ी खिलाओ। ”
बेगम ने आवाज दी ” जी नवाब साहब”
बेगम बैठक खाने में आ गई पीछे नौकर खाने का सामान सर पर रख आ रहा था। हंडिया नीचे रखी और मेहमानो को भी देना शुरू किया अपने बेटे के साथ।
सारे नवाब के दोस्त हैरान -जो परोसा जा रहा था वो चावल की खिचड़ी तो कत्तई नहीं थी। उसमे खजूर-पिस्ता-काजू बादाम-किशमिश -गरी इत्यादि से मिला कर बनाया हुआ सुस्वादिष्ट व्यंजन था। अब लोग मन ही मन सोच रहे थे कि ये खिचड़ी है? नवाब के घर इसे खिचड़ी बोलते हैं तो -मावा-मिठाई किसे बोलते होंगे ?
नवाब की इज्जत को चार-चाँद लग गए । लोग नवाब की रईसी की बातें करने लगे।
नवाब ने बेगम के सामने हाथ जोड़े और कहा “मान गया मैं कि घर की औरत इज्जत बना भी सकती है बिगाड़ भी सकती है—और जिस व्यक्ति को घर में इज्जत हासिल नहीं उसे दुनियाँ मे कहीं इज्जत नहीं मिलती।”
#40011 Afsar
12:00:00 AM 27 Jul, 2017
एक गुरु और चेला समंदर के किनारे टहल रहे थे।
वहाँ उन्होंने एक बोर्ड देखा जिस पर लिखा था -
"डूबते हुए को बचाने वाले को 500 रुपये का इनाम दिया जाएगा।"
बोर्ड पढ़ते ही गुरु को एक आईडिया सूझा।
उसने चेले से कहा, "मैं समंदर में कूद जाता हूँ
और मदद के लिए चिल्लाता हूँ...
तुम मुझे बचा लेना।
जो 500 रुपये मिलेंगे उसमें से 100 तुझे दूंगा, ठीक है?"
चेला: केवल 100? 50% करिये ना?
गुरु: 100 रुपये से एक पैसा ज्यादा नहीं दूंगा।
आईडिया मेरा है
कि तेरा? चुपचाप जैसा मैं कहता हूँ वैसा कर।
और गुरू समंदर में कूद कर मदद के लिए चिल्लाने लगा।
चेला आराम से बैठकर देखता रहा।
उसे यूँ बैठे देखकर गुरू बोला, "अबे अब आता क्यों नहीं
मुझे बचाने? मुझे सचमुच तैरना नहीं आता।"
चेला: गुरू जी आपने बोर्ड ध्यान से नहीं पढ़ा।
नीचे लिखा है - "
लाश निकालने वाले को 5000 रुपये का इनाम दिया जाएगा।"