हो सके तो मुस्कुराहट बांटिये,
रिश्तों में कुछ सरसराहट बांटिये !
नीरस सी हो चली है ज़िन्दगी बहुत,
थोड़ी सी इसमें शरारत बांटिये !
जहाँ भी देखो ग़म पसरा है आँसू हैं,
थोड़ी सी रिश्तों में हरारत बांटिये !
नही पूछता कोई भी ग़म एक-दूजे का,
लोगों में थोड़ी सी ज़ियारत बांटिये 🌹👍
