Reena 12:00:00 AM 14 Aug, 2018

हो सके तो मुस्कुराहट बांटिये,
रिश्तों में कुछ सरसराहट बांटिये !

नीरस सी हो चली है ज़िन्दगी बहुत,
थोड़ी सी इसमें शरारत बांटिये !

जहाँ भी देखो ग़म पसरा है आँसू हैं,
थोड़ी सी रिश्तों में हरारत बांटिये !

नही पूछता कोई भी ग़म एक-दूजे का,
लोगों में थोड़ी सी ज़ियारत बांटिये 🌹👍

Related to this Post: