देख कर इक झलक ही नशा हो गया
मिला तुमसे खुद से ही जुदा हो गया
तेरे सिवा कहीं भी दिल नही लगता
सब कहते है मै अब दीवाना हो गया
बहुत रंजिशे उड रही थी हवाओ मे
तुम आये कि मौसम आशिकाना हो गया
गजले तुम अब पर लिखते लिखते
अंदाज मेरा देखो शायराना हो गया
