कहते हैं जाना! तुमसे मिलकर!
कोई ख़्वाहिश ! बाक़ी ना रही।
ज़िन्दगी में तुम शामिल हुए..
कोई फरमाईश!बाक़ी ना रही।।
मेरी मुहब्बत का असर देखो,
तेरी आँखों में नज़र आता है।
मेरा इश्क़ मुकम्मल हो गया..
कोई आज़माईश बाक़ी ना रही।।
कहते हैं जाना! तुमसे मिलकर!
कोई ख़्वाहिश ! बाक़ी ना रही।
ज़िन्दगी में तुम शामिल हुए..
कोई फरमाईश!बाक़ी ना रही।।
मेरी मुहब्बत का असर देखो,
तेरी आँखों में नज़र आता है।
मेरा इश्क़ मुकम्मल हो गया..
कोई आज़माईश बाक़ी ना रही।।