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arman
12:00:00 AM 15 Jul, 2017
रहते थे कभी जिनके दिल में हम अज़ीज़ों की तरह;
बैठे हैं हम आज उनके दर पे फकीरों की तरह।
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Related to this Post:
#293 ADMIN
09:13:35 PM 11 May, 2016
दामाद अपनी सास से – आपकी बेटी ने दुखी कर रखा है
मुझे कभी खुशी नहीं देती सास –
बेटा अपने अपने नसीब की बात है ,,
यहाँ थी तो सारे लड़के उससे खुश रहते थे
#700 ADMIN
04:26:36 PM 11 Dec, 2016
क्या भारत का सिस्टम आम जनता को धोखा देता है ...???
आप खुद देखिये....
1- नेता चाहे तो 2 सीट से एक साथ चुनाव लड़ सकता है !!
लेकिन....
आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते,
2-आप जेल मे बंद हो तो वोट नहीं डाल सकते..
Lekin....
नेता जेल मे रहते हुए चुनाव लड सकता है.
3-आप कभी जेल गये थे,
तो
अब आपको जिंदगी भर कोई सरकारी
नौकरी नहीं मिलेगी,
Lekin....
नेता चाहे जितनी बार भी हत्या
या बलात्कार के मामले म े जेल
गया हो, वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति
जो चाहे बन सकता है,
4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है..
Lekin.....
नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत
का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है.
5-आपको सेना में एक मामूली
सिपाही की नौकरी पाने के लिये
डिग्री के साथ 10 किलोमीटेर दौड़ कर
भी दिखाना होगा,
लेकिन....
नेता यदि अनपढ़-गंवार
और
लूला-लंगड़ा है तो भी वह आर्मी,
नेवी
और ऐयर फोर्स का चीफ
यानि
डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है
और
जिसके पूरे खानदान में आज तक
कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता
देश का शिक्षा मंत्री बन सकता है
और
जिस नेता पर हजारों केस चल
रहे हों..
वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट
का चीफ यानि कि गृह मंत्री बन सकता है.
सारा कुछ लिखना चाहूँ तो लाखों
पेज भर जायेंगे....
यदि
आपको लगता है की इस सिस्टम
को बदल देना चाहिये..
नेता और जनता, दोनो के लिये
एक ही कानून होना चाहिये..
तो
इस संदेश को फार्वड करके देश
में जागरुकता लाने में अपना सहयोग दें..
🏤
श्री.एस. जी. शिंदे पाटिल
मुख्य सरकारी वकील
मुंबई उच्च न्यायालय.
मुंबई.....
इस मुहिम को आगे बढाए PLZ SHARE
#1349 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
परीक्षा में गब्बरसिंह का चरित्र चित्रण करने के लिए कहा गया-
.
दसवीं के एक छात्र ने लिखा-😉
.
1. सादगी भरा जीवन-
:- शहर की भीड़ से दूर जंगल में रहते थे,
एक ही कपड़े में कई दिन गुजारा करते थे,
खैनी के बड़े शौकीन थे.😂
.
2. अनुशासनप्रिय-
:- कालिया और उसके साथी को प्रोजेक्ट ठीक से न करने पर सीधा गोली मार दिये थे.😂
.
3.दयालु प्रकृति-
:- ठाकुर को कब्जे में लेने के बाद ठाकुर के सिर्फ हाथ काटकर छोड़ दिया था, चाहते तो गला भी काट सकते थे😂
.
4. नृत्य संगीत प्रेमी-
;- उनके मुख्यालय में नृत्य संगीत के कार्यक्रम चलते रहते थे..
'महबूबा महबूबा',😂
'जब तक है जां जाने जहां'.
बसंती को देखते ही परख गये थे कि कुशल नृत्यांगना है.😂😂
.
5. हास्य रस के प्रेमी-
:- कालिया और उसके साथियों को हंसा हंसा कर ही मारे थे. खुद भी ठहाका मारकर हंसते थे, वो इस युग के 'लाफिंग बुद्धा' थे.😂
.
6. नारी सम्मान-
:- बंसती के अपहरण के बाद सिर्फ उसका नृत्य देखने का अनुरोध किया था,😀😂
.
7. भिक्षुक जीवन-
:- उनके आदमी गुजारे के लिए बस सूखा अनाज मांगते थे,
कभी बिरयानी या चिकन टिक्का की मांग नहीं की.. .😂
.
8. समाज सेवक-
:- रात को बच्चों को सुलाने का काम भी करते थे ..😁😂😂😂😂
.
#1416 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
अम्बानी ,अदानी, सिंघवी, टाटा, बिरला, माल्या, ललित मोदी,
*ये मोदी के कार्यकाल में अरबपति बने थे क्या ???*
क्या 85 अरबपतियों को जो 90 हजार करोड़ का लोन दिया गया था
*क्या वो मोदी के समय दिया गया ...??*
जिस भी अफसर के घर छापा डाला जाए... तो करोड़ रुपये तो उसके गद्दे के नीचे ही मिल जाते है ...
*क्या ये मोदी के काल में कमाए गये ....????*
*किस हद की मूर्खता पूर्ण देश भर में बातें है .*
मोदी के काल में तो माल्या के 8000 करोड़ के लोन के जवाब में ED ने उसकी 9120 करोड़ की संम्पत्ति को कब्जे में ले लिया है ..
*बस यही गलती हुई है कि मोदी अकेला भ्रष्ट लोगो के खिलाफ लड़ रहा है...*
और
*हमारे देश में नमक और नमकहराम दोनों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं ....*
व्यक्तिगत रूप से आप *बीजेपी के विरोधी* हो सकते हैं।
बीजेपी की नीतियों के विरोधी हो सकते हैं ये एक सामान्य प्रकिया है..
और इसमें कुछ गलत भी नहीं है...
परंतु आप आलोचक की हद को पार करके *घृणित-निंदक* बनकर *PM की आलोचना* कैसे कर सकते हैं...?😳
आप उस व्यक्ति की आलोचना कर रहे हैं जो लगभग 15 सालों से CM के बाद, अब PM रहते हुए भी अपनी सैलेरी राष्ट्र को दान करता आ रहा है PM हाउस में अपना खर्चा स्वं उठाता आ रहा है..।
*Pm की निंदा-रस* में डूबते समय क्या आपको खयाल आया है कि क्या आपने कभी 1 महीने की सैलेरी राष्ट्र को दान किया है...?🤔😳🤔
₹-240 की LPG-Subsidy तो आप छोड़ नहीं पाते, बाकी.. क्या आप में हिम्मत है 1 साल की सैलेरी *राष्ट्र को दान कर दें...?*
तो फिर आप उस व्यक्ति की निंदा कैसे कर सकते हैं जो 15 सालों से ये सब करता आ रहा है....?🤔😳😰😡
3 बार गुजरात का CM रहने के बावजूद किसके पास कोई *बड़ी संपत्ति नहीं* है, परिवार को भी जिसने VIP सुविधाओं से महरूम कर रखा है ।
जिस PM के विदेशी दौरों को आप सिर्फ घूमने फिरने का नाम देते हैं जबकि असली उदेश्य *व्यापारिक समझौते और आपसी सम्बन्ध को सुधारना* होता है।
एक 66 साल का व्यक्ति 6 दिन में 5 देशों की यात्रा करता 40 महत्वपूर्ण मीटिंग में भाग लेता है। *देश का पैसा बचाने के लिए* ऐसी प्लानिंग करता है जिससे होटल में कम से कम रुका जाए, और, फ्लाइट में नींद पूरी की जाये....
उसके दौरे को आप सिर्फ भ्रमण का नाम देते हैं..?😳
*वैश्विक मंदी और ख़राब मौसम की मार* झेलने की बाद भी देश पर आंशिक प्रभाव पड़ा है...
और *देश आगे बढ़ रहा है*, क्या इतना काफी नहीं है..?
काँग्रेस द्वारा *60+ सालों से किये गये गड्ढे* क्या 2 साल में भर जायेंगे..?😳
अभी तक कांग्रेस की सरकारों से अगर 25% भी हिसाब माँगा जाता, तो ये दिन देखने नहीं पड़ते..🤔😳🤔
अगली बार PM की निंदा करने से पहले *अपने गिरेबान में झांककर देखें* और-
अपने आप से तुलना करें कि जिसकी आप निंदा कर रहे हैं, क्या उसके *पैरों की धूल के बराबर* आप हैं या नहीं..?🤔😰😡
कितने शर्म की बात है.....
एक तरह जिस व्यक्ति को *सारा विश्व सम्मान दे रहा है*....
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग (जो उसी देश के हैं) उसी सम्मान को गलत साबित करने पर तुले हैं... निवेदन है की इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें और अपने देश के प्रधानमंत्री की गरिमा को मज़बूत बनायें 🙏🏽
🇮🇳 वन्दे मातरम् भारत माता की जय🇮🇳
#2286 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
MAHARANA PRATAP - THE GREATEST!!
भारत के वीर पुत्र, महाराणा प्रताप की गाथा,
share कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएँ|
महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक तथ्य, :-
1... महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।
2.... जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि- हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ का जवाब मिला-"उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना, जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना| "
लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था |
बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘ किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं |
3.... महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था|
कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।
4.... आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं |
5.... अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है, तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे, पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी|
लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया |
6.... हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |
7.... महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है, जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है |
8.... महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारें बनाईं | इसी
समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है|
मैं नमन करता हूँ ऐसे लोगो को |
9.... हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई।
आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था |
10..... महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा "श्री जैमल मेड़तिया जी" ने दी थी, जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे । जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे |
11.... महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |
12.... मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में
अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था । वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे ।
आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं, तो दूसरी तरफ भील |
13..... महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है, जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है |
14..... राणा का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके
मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी की सूंड लगाई जाती थी । यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे|
15..... मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया हुआ 85% मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में
घूमे ।
16.... महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में।
महाराणा प्रताप के हाथी
की कहानी:
मित्रो, आप सब ने महाराणा
प्रताप के घोड़े चेतक के बारे
में तो सुना ही होगा,
लेकिन उनका एक हाथी
भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ।
रामप्रसाद हाथी का उल्लेख
अल- बदायुनी, जो मुगलों
की ओर से हल्दीघाटी के
युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।
वो लिखता है की- जब महाराणा प्रताप पर अकबर ने चढाई की थी, तब उसने दो चीजो को ही बंदी बनाने की मांग की थी ।
एक तो खुद महाराणा
और दूसरा उनका हाथी
रामप्रसाद।
आगे अल बदायुनी लिखता है
की- वो हाथी इतना समझदार व ताकतवर था की उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही अकबर के 13 हाथियों को मार गिराया था ।
वो आगे लिखता है कि-
उस हाथी को पकड़ने के लिए
हमने 7 बड़े हाथियों का एक
चक्रव्यूह बनाया और उन पर
14 महावतो को बिठाया, तब कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये।
अब सुनिए एक भारतीय
जानवर की स्वामी भक्ति।
उस हाथी को अकबर के समक्ष पेश किया गया ।
जहा अकबर ने उसका नाम पीरप्रसाद रखा।
रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने
और पानी दिया।
पर उस स्वामिभक्त हाथी ने
18 दिन तक मुगलों का न
तो दाना खाया और न ही
पानी पिया और वो शहीद
हो गया।
तब अकबर ने कहा था कि-
जिसके हाथी को मैं अपने सामने नहीं झुका पाया,
उस महाराणा प्रताप को क्या झुका पाउँगा?
महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के वह राष्ट्रनायक हैं जिन्होंने संघर्ष की राह में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया परन्तु पराधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप के एक इशारे पर जान न्यौछावर करने के लिए हर समाज और वर्ग के लोग हमेशा तैयार रहते थे। यदि महाराणा प्रताप सामाजिक संकीर्णताओं में फंसे होते तो उन्हें वह अभूतपूर्व जनसमर्थन कभी नहीं मिला होता। महाराणा प्रताप मान, सम्मान और स्वाभिमान के साथ-साथ मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए लड़े। महाराणा प्रताप जी की जयन्ती के अवसर पर उन्हें शत् शत् नमन !
#6267 Aman
12:00:00 AM 13 Feb, 2017
पहले लोग कहते थे कितना काम करते हो कभी मिलने का वक़्त भी निकाला करो
लेकिन अब #whatsapp पर इतना busy रहते है की काम करने को वक़्त नही मिलता
#15926 shaktimaan
12:00:00 AM 17 Mar, 2017
*एक बेहतरीन मैसेज....*
- ChArotar wala🌹👍🏻
😊😊😊😊😊😊
क्या हम *बिल्डर्स, इंटीरियर डिजाइनर्स, केटरर्स और डेकोरेटर्स के लिए कमा रहे हैं ???*
*हम बड़े बड़े क़ीमती मकानों और बेहद खर्चीली शादियों से* किसे इम्प्रेस करना चाहते हैं ???
क्या आपको याद है कि, *दो दिन पहले किसी की शादी पर आपने क्या खाया था ???*
जीवन के प्रारंभिक वर्षों में *क्यों हम पशुओं की तरह काम में जुते रहते हैं ???*
कितनी पीढ़ियों के *खान पान और लालन पालन की व्यवस्था करनी है हमें ???*
हम में से *अधिकाँश लोगों के दो बच्चे हैं। बहुतों का तो सिर्फ एक ही बच्चा है।*
हमारी जरूरत कितनी हैं और *हम पाना कितना चाहते हैं ???*
*इस बारे में सोचिए।*
क्या हमारी *अगली पीढ़ी कमाने में सक्षम नहीं है जो, हम उनके लिए ज्यादा से ज्यादा सेविंग कर देना चाहते हैं !?!*
क्या हम *सप्ताह में डेढ़ दिन अपने मित्रों, अपने परिवार और अपने लिए स्पेयर नहीं कर सकते ???*
क्या आप *अपनी मासिक आय का 5 % अपने आनंद के लिए, अपनी ख़ुशी के लिए खर्च करते हैं ???*
*सामान्यतः जवाब नहीं में ही होता है।*
*हम कमाने के साथ साथ आनंद भी क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ???*
इससे पहले कि *आप स्लिप डिस्क्स का शिकार हो जाएँ, इससे पहले कि, कोलोस्ट्रोल आपके हार्ट को ब्लॉक कर दे, आनंद प्राप्ति के लिए समय निकालिए !!!*
*हम किसी प्रॉपर्टी के मालिक नहीं होते, सिर्फ कुछ कागजातों, कुछ दस्तावेजों पर अस्थाई रूप से हमारा नाम लिखा होता है।*
*ईश्वर भी व्यंग्यात्मक रूप से हँसेगा जब कोई उसे कहेगा कि, " मैं जमीन के इस टुकड़े का मालिक हूँ " !!*
किसी के बारे में, *उसके शानदार कपड़े और बढ़िया कार देखकर, राय कायम मत कीजिए।*
हमारे *महान गणित और विज्ञान के शिक्षक स्कूटर पर ही आया जाया करते थे !!*
धनवान होना गलत नहीं है *बल्कि सिर्फ धनवान होना गलत है।*
*आइए जिंदगी को पकड़ें, इससे पहले कि, जिंदगी हमें पकड़ ले...*
एक दिन *हम सब जुदा हो जाएँगे, तब अपनी बातें, अपने सपने हम बहुत मिस करेंगे।*
*दिन, महीने, साल गुजर जाएँगे, शायद कभी कोई संपर्क भी नहीं रहेगा। एक रोज हमारी बहुत पुरानी तस्वीर देखकर हमारे बच्चे हम से पूछेंगे कि, " तस्वीर में ये दुसरे लोग कौन हैं ?? "*
*तब हम मुस्कुराकर अपने अदृश्य आँसुओं के साथ बड़े फख्र से कहेंगे---" ये वो लोग हैं, जिनके साथ मैंने अपने जीवन के बेहतरीन दिन गुजारे हैं। "*
*इस मैसेज को अपने उन सभी मित्रों को पोस्ट कीजिए, जिन्हें आप कभी भूल नहीं पाएँगे।*
*उन्हें पोस्ट कीजिए जो कभी भी आपकी मुस्कान की वजह बने थे।*
🙏🌹🙏🌼🌼🌺🌺🌷🌷🌸🌸🙏🌹🙏
#21903 Rakesh
12:00:00 AM 13 May, 2017
ठंडे मौसम और
ठडे खानों का यह देश
धीर-धीर मानसिक और शारीरिक रूप से भी
कर देता है ठंडा।
कुछ भी छूता नहीं है तब
कँपकँपाता नहीं है तन
धड़कता नहीं है मन
मर जाता है यहाँ , मान, सम्मान और स्वाभिमान।
बन जातीं हैं आदतें दुम हिलाने की
अपने ही बच्चों से डरने की
प्रार्थनाएँ करने की
छूट जाते हैं सारे रिश्तेदार
भल जाती है खुशबू अपनी मिट्टी की
बुलाता नहीं है तब वहाँ भी कोई।
आती नहीं है चिट्टी किसी की
जिनकी खातिर मार डाला अपने स्वाभिमान को।
उड़ जाते हैं वे बच्चे भी
पहले पढ़ाई की खातिर
फ़िर नौकरी, फ़िर ढूँढ़ लेते हैं साथी भी वहीं ।
बड़ी मुश्किलों से बनाए अपने घर में भी
लगने लगता है डर
अकेले रहते।
सरकारी नर्सें आती हैं, कामकाज कर जाती हैं।
फ़ोन कर लेते हैं कभी
आते नहीं हैं बच्चे ।
उनके अपने जीवन हैं
अपने माँ-बाप, भाई-बन्धु और देश तो
पहले ही छॊड़ आये थे वो
अब ये भी छूट गए
माया मिली न राम!
सोचते हैं
धोबी के कुत्ते बने, घर के न घाट के।
घंटों सोचते रहते हैं।
खिड़की से पड़ती बर्फ़ धीरे-धीरे
हड्डियों पर भी
पड़ने लगती है।
काम की वजह से मजबूरी में
खाया बासी खाना उम्र भर
रहे ठंडे मौसम में
अब सब कुछ ठंडा-ठंडा है
मन पर पड़ी ठंडक में
भला सोचिए, कैसे जलेंगे अलाव?
#21907 arman
12:00:00 AM 13 May, 2017
चलो
फिर एक बार
चलते हैं
हक़ीक़त में
खिलते हैं फूल जहाँ
महकता है केसर जहाँ
सरसों के फूल और लहलहाती हैं फसलें
हँसते हैं रंग-बिरंगे फूल
मंड़राती हैं तितलियाँ
छेड़ते हैं भँवरें
झूलती हैं झूलों में धड़कनें
घेर लेती हैं सतरंगी दुप्पटों से
सावन की फुहारों में
चूमती है मन को
देती है जीवन
जहाँ जीवन लगता है सपना
आओ
फिर एक बार, चलते हैं।
उलाहनों से दूर
करते हैं अनदेखा ख़ामियों को
भूलते हैं एक दूसरे के फेंके हुए
दर्द भरे, चुभते आग से तीरों को
क्योंकि जीवन
जीने का नाम है
गुज़ारने का नहीं, बहुत गुज़ार लिया
आओ फिर से जिएँ
सपने को जीवन में बदलने
और जीवन को सपने में
चलो
फिर एक बार लिखें
खुशबू से भरे भीगे ख़त
जिन्हें पढ़ते-पढ़ते भीग जाते थे हम
इंतज़ार करते थे डाकिये का
बंद कर के दरवाज़ा
पढ़ते थे चुपके-चुपके
वे भीगे ख़त तकिए पर सिर रख कर
चौंकते थे आहट पर
धड़कते थे दिल टेलिफोन की घंटी पर
कुछ कहते न बनता था
झूमता रहता था तन और मन
मिलते न थे पर जीते थे, एक दूसरे के लिए
जीने मरने का जज़्बा था जहाँ दोनों तरफ़
प्यार मरता नहीं है कभी
अहसास मरते नहीं कभी
तभी तो चलता है मुश्किलों में भी रास्ता बनाता
हुआ जीवन
हालात बदलते नहीं अपने आप
बसंत आता नहीं अपने आप
लाना पड़ता है वरना क़ुदरत तो बदलती रहती है रंग
अपने समय पर
कोई देखे या न देखे उसकी सुंदरता
अपने रंगों में रंगती रहती है वह
देखो तो बहार है
न देखो तो पतझड़-वीरान
आओ
चलें फिर एक बार देखने
अंदर से बाहर की बहार
जीवन बहारों का नाम है
बहारें जीवन जगमगाती हैं
कुंठाएँ जीवन बुझाती है
अंगों को भी रोगों की परतों में
सुलाने लगती हैं
बीमारी में डूबाने लगती हैं
करने लगती हैं नब्ज़ें भी ठंडी
लगा देती हैं दवाओं के अंबार
कर देती हैं स्वाद भी कसैला
भिगा देती हैं आँखें, कर देती हैं अकेला
आओ
चलो फिर एक बार
इन कुंठाओं भरे अँधेरे से दूर
अपेक्षाओं की दुनिया से दूर
कुछ करने, कुछ सहने की
उसी तैयारी के क्षणों में जब करते थे घंटों इंतज़ार
माँगते थे माफ़ी तुरंत
कर भी देते थे माफ़ डूबे हुए प्रेम में
जहाँ सिर्फ़ प्रेम ही रह जाता था
घुल जाते थे सारे अहम, अभिमान
आओ
चलें फिर एक बार
भूलने, छोड़ने की दुनिया में
सिर्फ़ देने और सहने के जज़्बे में
क्योंकि सुनना, सहना, देना और भूलना ही
प्रेम की परिभाषा है
इसीलिए प्रेम कभी मरता नहीं
मरते हैं शरीर
ज़िंदा रहते हैं, रखते हैं अहसास
प्रेम और अहसास का नाम ही
जीवन है
और जीवन तभी चलता है
आओ
फिर एक बार चलें
जीवन की ओर
#28616 Afsar
12:00:00 AM 15 Jun, 2017
रहते थे कभी जिनके दिल में हम अज़ीज़ों की तरह;
बैठे हैं हम आज उनके दर पे फकीरों की तरह।