arman 12:00:00 AM 15 Jul, 2017

न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके;
वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं;

यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम;
विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।

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