तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले;
तेरा हुस्न कुछ नहीं था मेरी शायरी से पहले;
इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ;
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था तेरी दुश्मनी से पहले;
कई इंक़लाब आए कई ख़ुश-ख़िराब गुज़रे;
न उठी मगर क़यामत तेरी कम-सिनी से पहले;
मेरी सुबह के सितारे तुझे ढूँढती हैं आँखें;
कहीं रात डस न जाए तेरी रौशनी से पहले।
