Afsar 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

आज कुछ कमी है तेरे बगैर;
ना रंग है ना रौशनी है तेरे बगैर;

वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है;
मगर यह धड़कन अब थम गयी है तेरे बगैर।

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