arman 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो​;​
मस्जिद में भजन, मंदिरों में अज़ान हो​;​​

खून का रंग फिर एक जैसा हो;​
तुम मनाओ दिवाली,​ ​मैं कहूं रमजान हो

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