उस की चाहत का भरम क्या रखना;
दश्त-ए-हिजरां में क़दम क्या रखना;
हँस भी लेना कभी खुद पर 'मोहसिन';
हर घडी आँख को नम क्या रखना
उस की चाहत का भरम क्या रखना;
दश्त-ए-हिजरां में क़दम क्या रखना;
हँस भी लेना कभी खुद पर 'मोहसिन';
हर घडी आँख को नम क्या रखना
