Kapil 12:00:00 AM 16 Feb, 2017

तू तो हँस हँसकर जी रही है,

जुदा होकर भी….

कैसे जी पाया होगा वो,

जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं.

Related to this Post: