arman 12:00:00 AM 16 Jul, 2017

तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया;
कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ;

कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है;
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।

Related to this Post: