arman 12:00:00 AM 16 Jul, 2017

उस की चाहत का भरम क्या रखना;
दश्त-ए-हिजरां में क़दम क्या रखना;

हँस भी लेना कभी खुद पर 'मोहसिन';
हर घडी आँख को नम क्या रखना।

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