arman 12:00:00 AM 16 Jul, 2017

जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है;
वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है;

मैं पूजता हूँ जिसे, उससे बेनियाज़ भी हूँ;
मेरी नज़र में वो पत्थर भी है खुदा भी है;

सवाल नींद का होता तो कोई बात ना थी;
हमारे सामने ख्वाबों का मसला भी है;

जवाब दे ना सका, और बन गया दुश्मन;
सवाल था, के तेरे घर में आईना भी है;

ज़रूर वो मेरे बारे में राय दे लेकिन;
ये पूछ लेना कभी मुझसे वो मिला भी है।

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