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Afsar
12:00:00 AM 16 Jul, 2017
इतना भी इख्तियार नहीं मुझको वज़्म में;
शमाएँ अगर बुझें तो मैं दिल को जला सकूँ।
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#29610 Afsar
12:00:00 AM 16 Jun, 2017
इतना भी इख्तियार नहीं मुझको वज़्म में;
शमाएँ अगर बुझें तो मैं दिल को जला सकूँ।
#31365 Afsar
12:00:00 AM 18 Jun, 2017
इतना भी इख्तियार नहीं मुझको वज़्म में,
शमाएँ अगर बुझें तो मैं दिल को जला सकूँ।