सच कहते हैं लोग, इश्क़ पर जोर नहीं;
झुके जमाने के आगे, इश्क़ कमजोर नहीं;
यूँ तो बसते हैं हसीं लाखों इस ज़मीं पर;
मगर इस जहान में तुमसे बढ़कर और नहीं।
सच कहते हैं लोग, इश्क़ पर जोर नहीं;
झुके जमाने के आगे, इश्क़ कमजोर नहीं;
यूँ तो बसते हैं हसीं लाखों इस ज़मीं पर;
मगर इस जहान में तुमसे बढ़कर और नहीं।
