किसी बे दर्द ने यूँ मेरा दिल तोड़ दिया;
मेरी आदत बिगाड़ कर साथ छोड़ दिया;
हद तो देखो उसके दिलकश फरेब की;
मंज़िल दिखा कर राह को मोड़ दिया;
पुराने ज़ख्म छेड़ देती है हर रात;
उसने हर दिन नया एक गम जोड़ दिया;
महल अरमानों का मुश्किल से बना;
उसने हर लम्हा एक शीशा तोड़ दिया;
बेवफा दुनियाँ से 'ताज' कभी नहीं हारी;
मगर तूने मेरी रूह तक को झिंझोड़ दिया।
