वो मुझसे मेरी खामोशी की वजह पूछता है;
कितना पागल है रात के सनाटे की वजह पूछता है;
वो मुझसे मेरे आँसू की वजह पूछता है;
कितना पागल है बारिश के बरसने की वजह पूछता है;
वो मुझसे मेरी मोहब्बत के बारे में पूछता है;
कितना पागल है खुद अपने बारे में पूछता है;
वो मुझसे मेरी वफ़ा की इंतेहा पूछता है;
कितना पागल है साहिल पे रह कर,
समुद्र की गहराई पूछता है।
