arman 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

जब भी मिलता हूँ तुझसे;
मेरी ज़िन्दगी उदास हो जाती है;

मेरी हर धड़कन ख़ामोश हो जाती है;
तेरी सुरमई आँखों की कसम;

मेरी मोहब्बत सरे-बाज़ार बदनाम हो जाती है;
तेरी धुंधली यादें सरे-आम मुझको डसती हैं;

जब भी चेहरे से तू नक़ाब उठाती है;
तेरे दर्द का सिलसिला तब तक चलता रहता है;

जब तक तू न नज़रें मेरे चेहरे से हटाती है;

जब भी मिलता हूँ तुझसे;
मेरी ज़िन्दगी उदास हो जाती है।

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