arman 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

हर एक मजार पर उदासी छाई है;
चाँद की रौशनी में भी कमी आई है;

अकेले अच्छे थे हम अपने आशियाने में;
जाने क्यों
टूटकर आज फिर आपकी याद आई है।

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