चार दिनों की चाहत में उमर भर का इंतजार हैं -
मोहब्बत एक ऐसी मजबूरी हैं जिसमें सब लाचार हैं....
जुदा नहीं कर सकती अब मौत भी मुझे तेरी यादों से और एक ज़िंदगी हैं
जो हर पल तेरे लिये बेक़रार हैं..
चार दिनों की चाहत में उमर भर का इंतजार हैं -
मोहब्बत एक ऐसी मजबूरी हैं जिसमें सब लाचार हैं....
जुदा नहीं कर सकती अब मौत भी मुझे तेरी यादों से और एक ज़िंदगी हैं
जो हर पल तेरे लिये बेक़रार हैं..
