तेरी साजिश में कुछ कमी है अभी
मेरी बस्ती में रौशनी है अभी
चोट खाकर भी मुस्कुराता हूँ
अपना अंदाज़ तो वही है अभी
मां को देखूं तो ऐसा लगता है
जैसे आयत कोई पढ़ी है अभी
जन्मों-जन्मों से जी रहें है इसे
ज़िंदगी फिर भी अजनबी है अभी
सादगी का सबक नहीं सीखा
मेरी तालीम में कमी है अभी
