Aman 12:00:00 AM 17 Feb, 2017

तेरी साजिश में कुछ कमी है अभी
मेरी बस्ती में रौशनी है अभी

चोट खाकर भी मुस्कुराता हूँ
अपना अंदाज़ तो वही है अभी

मां को देखूं तो ऐसा लगता है
जैसे आयत कोई पढ़ी है अभी

जन्मों-जन्मों से जी रहें है इसे
ज़िंदगी फिर भी अजनबी है अभी

सादगी का सबक नहीं सीखा
मेरी तालीम में कमी है अभी

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