ऐसे कुछ अहसास होते हैं हर इंसान के जीवन में;
भले मुद्दत गुजर जाये, वो दिल के पास होते है;
जो दिल की बात सुनता है वही दिलदार है यारों;
दौलत बन अक्सर तो असल में दास होते हैं;
अपनापन लगे जिससे वही तो यार अपना है;
आजकल तो स्वार्थ सिद्धि में रिश्ते नाश होते हैं;
धर्म अब आज रुपया है कर्म अब आज रुपया है;
जीवन के खजानें अब, क्यों सत्यानाश होते हैं;
समय रहते अगर चेते तभी तो बात बनती है;
वरना नरक है जीवन, पीढ़ियों में त्रास होते हैं।
