Afsar 12:00:00 AM 17 Jul, 2017

है हकीक़त में वही प्यार को पाने वाले;
अपने महबूब को पलकों पर बिठाने वाले;

दिल की वीरानी को ख़ुशियों से सजाने वाले;
इश्क़ का रोग जो खुद को है लगाने वाले;

ज़िक्र तेरा भी वफ़ा वालों में होगा ऐ दोस्त;
याद में बेवफ़ाई का दीप जलाने वाले;

तेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिन;
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले;

प्यार-ओ-उल्फ़त वफ़ा हमदर्दी मोहब्बत ये सब;
कौन है दुनिया में अब इन को निभाने वाले।

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