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शीशे की तरह कुछ टूटा हुआ है
ना जाने पीछे क्या छूटा हुआ है...!!
मुझसे जुदा ही रही हर खुशी है
शायद जिगर का टुकड़ा कोई रुठा हुआ है...!!
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शीशे की तरह कुछ टूटा हुआ है
ना जाने पीछे क्या छूटा हुआ है...!!
मुझसे जुदा ही रही हर खुशी है
शायद जिगर का टुकड़ा कोई रुठा हुआ है...!!
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